लखनऊ। अगले महीने होने वाले विधानसभा के बजट सत्र से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने एक बार फिर विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्य सदन में समय का सदुपयोग कैसे करे जिससे जनहित के अधिक से अधिक कार्य हो सकें। आज से प्रारंभ हुए क्षेत्रवार संवाद कार्यक्रम के तहत आज मध्य क्षेत्र के विधायकों के संवाद किया गया। जिसमें संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, नेता प्रतिपक्ष श्री अखिलेश यादव के साथ मंत्रियों श्री राकेश सचान, श्री नितिन अग्रवाल, श्रीमती रजनी तिवारी श्री सुरेश राही, श्री असीम अरुण श्री अजीत पाल को मिलाकर कुल 40 विधायक उपस्थित थें।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायक बनने के लिए कई तरह की योग्यताएं हो सकती हैं । पर विधायक बनने के बाद विधानसभा ही एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां से जनपेक्षाओं को पूरा किया जा सकता है। यहां की बात का बड़ा महत्व होता है। सदन में कही गई बात पूरे प्रदेश तक जाती है। श्री महाना ने 18 वीं विधानसभा के अब तक हुए सत्रों में केवल 36 मिनट के सदन स्थगन के लिए सभी विधायकों का आभार व्यक्त किया साथ ही सुझाव दिया कि वह अटल जी, सुषमा स्वराज और हुकुम सिंह आदि नेताओं से सीख लें कि वह किस तरह सलीके से अपनी बात सदन में रखते थें।
इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि संसदीय शिष्टाचार के लिए इस तरह की बैठकों का बड़ा महत्व होता है। सभी विधायकों के दल अलग अलग हो सकते हैं पर सबका उद्देश्य जन सेवा और अपने क्षेत्र का विकास ही होता है। इसलिए बजट सत्र के पूर्व विभागों के बारे में आवश्यक जानकारी करते हुए ऐसे 10 बिंदु तैयार कर लें । जिससे सदन में अपनी बात को बेहतर ढंग से रखा जा सके। इसके लिए संबंधित विषय पर अध्ययन आवश्यक है। श्री खन्ना ने कहा कि जो लोग विधानसभा की कार्यवाही देखने आते हैं वह भवन नही देखते हैं, आपका आचार विचार और आपकी हर बात को सूक्ष्म निगाह से देखते है। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता बड़ी चीज होती है। इसलिए यदि फोन नहीं रिसीव कर पाए तो मिस कॉल का जवाब जरूर दें। साथ ही गुस्से और तारीफ से बचे। यह दोनो ही नुकसानदेय होते हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि हर बार सदन में कुछ नया दिखाई देता है। बजट सत्र के पहले इस तरह के आयोजन का लाभ प्रदेश की जनता को जरूर मिलेगा। श्री महाना न केवल नई चीजें लाकर उसे रिफॉर्म कर रहे हैं बल्कि नई नई तकनीक लाकर विधानसभा को अत्याधुनिक बनाने का काम कर रहे हैं। विधायक अपनी जितनी बात कहेंगे उतना ही अधिकारियों पर दबाव बनेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि विधायकों को स्टडी टूर पर भी ले जाना चाहिए। साथ ही एक्सपर्ट की भी राय लेनी चाहिए।
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा इस तरह के आयोजनों से विधायकों को मन की बात कहने का अवसर मिलता है। आपके दिशा निर्देशन में विधायिका को संरक्षण मिल रहा है।
कैबिनेट मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि सदन में अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रखने के लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि समाज में कैसी आपकी इमेज है,उसी आधार पर वोट मिलता है।सुझाव दिया कि बजट सत्र में कटौती पर बोलने का अधिक से अधिक मौका दिया जाना चाहिए। वहीं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विधायकों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पिछले वर्ष हुए संवाद कार्यक्रम का लाभ हम सबको खूब मिल रहा है।
इस मौके पर स्वतंत्र प्रभार (राज्य मंत्री) असीम अरुण ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जो अधिकार हमको मिले हैं उसका उपयोग हम सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। आज भी हम मंत्रियों के बैठने के स्थान को सचिवालय ही बोलते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि एक डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट की जरूरत है जहां ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
इस मौके पर उपस्थित 40 विधायकों में डा सुरभि,शशांक त्रिवेदी, बंबा राम,कैलाश राजपूत,सरोज कुरील, राम कृष्ण भार्गव,सुरेश रही,पूनम, सुरेंद्र मैथानी, अमिताभ बाजपेई तथा कमलेश पाठक समेत अन्य विधायकों ने अपनी बात रखी।

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