भारत की सफलता का श्रेय संघर्षग्रस्त मणिपुर को जाता है, क्योंकि खेलने वाले 23 लड़कों में से 16 उत्तर-पूर्वी राज्य से हैं. 16 में से 11 मैतेई समुदाय से हैं और चार कुकी समुदाय से हैं. वयस्कों को गंभीर सीख देते हुए उन्होंने अपने राज्य में शांति लौटने के लिए प्रार्थना की है. उत्साहित भरत ने कहा कि वह गोल करके बहुत खुश हैं (उन्होंने शुरुआती गोल सिर्फ नौ मिनट बाद किया) और इसे अपना “चैंपियनशिप का गोल” बताया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हालांकि टीम में खिलाड़ी अलग-अलग समुदायों से हैं, हम अच्छी टीम भावना के साथ खुशी-खुशी एक साथ मिलते हैं. मेरे टीम साथी, मिडफील्डर लेविस ने मैच से पहले मुझसे कहा था कि मुझे मैच जीतने के लिए स्कोर करना चाहिए… और उसका गोल भारत के लिए खिताब जीतने में महत्वपूर्ण था. मैं उसके पास गया और उसे कसकर गले लगाया!” मणिपुर संकट पर भरत ने कहा कि हमने सामान्य स्थिति के लिए प्रार्थना की…अच्छे पुराने दिनों के लिए”.