डॉ रजनी शर्मा चंदा

अनवांटेड लव

रोहिणी धड़धड़ाते हुए कालेज की सीढ़िया उतर रही थी। अचानक बीच में कमल आ गया और उसे खींचते हुए कैंपस में एक तरफ ले गया। “सुनो… मुझे तुमसे कुछ कहना है।”
“हूं…सुन रही हूँ, बोलो।” रोहिणी बेरुखी से बोली।


“ऐसे तो तुम हर रंग में खिलती हो पर सच कहूँ आज तुम लाल ड्रेस में बेहद खूबसूरत लग रही हो। एक तो तुम्हारा गोरा गुलाबी रंग उस पर खुले लहराते हुए काले घुंघराले बाल, ये तो गजब ही कमाल करते हैं।”
कालेज का बिगड़ा हुआ सहपाठी कमल आज खुद को रोक नहीं पाया और रोहिणी को अकेले पा कर मनमर्जी की बातें बोल ही पड़ा। हर वक्त खुद में ही अलमस्त रहने वाली रोहिणी पहले तो सकपका गई फिर थोड़ी बेबाकी से बोली, “तो क्या… तुम मेरा रास्ता रोक कर यही सूचना मुझे देने के लिए यहाँ रुके हुए हो।” अब कमल झेंप गया। “न…न… मेरा ये मतलब नहीं था।”
“तो क्या मतलब है तुम्हारा? सीधे सीधे बोलो!”
“मोहब्बत का बहुत खास दिन है आज… मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।तुम मेरे साथ मेरी कार में ड्राइव पर चलो। ये देखो मैं तुम्हारे लिए कुछ स्पेशल गिफ्ट्स भी लाया हूँ।”
फूल, चाॅकलेट, टैडी और जाने क्या क्या, उसने ढ़ेरों सामान उसके सामने रख दिया। साथ ही बड़ी निर्लज्जता से अनवांटेड गोलियों का पैकेट भी उसे दिखाने लगा।
“छिह: ! कितनी नीच मानसिकता है तुम्हारी, जी चाहता है एक थप्पड़ खींच कर लगाऊं तुम्हें।” रोहिणी चिल्ला कर बोली तो आस पास के लोग उधर ही देखने लगे। “अपने संस्कारों को भूल कर इस अनवांटेड डे का ढकोसला करके प्यार मोहब्बत को तुम जैसी मानसिकता के लोगों ने खिलवाड़ बना रखा है। तुम्हारे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करना अनिवार्य हो गया है।” रोहिणी के सख्त लहजे को देखते हुए कमल ने माफी मांगते हुए खिसकने में ही अपनी भलाई समझी और वहाँ से झटपट खिसक गया। रोहिणी ठान चुकी थी ऐसे लोगों को बढ़ावा नहीं देना है और न ही इनसे डरना है , बल्कि इस अनवांटेड लव बांटने वाले लोगों से सतर्क रहना और समय पड़ने पर इन्हें सबक सिखाना भी जरूरी है।

डॉ रजनी शर्मा चंदा
रांची,झारखंड

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