भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी है कि फ्रांस के इस्ट्रेस एयर बेस से सीधे उतरने के बाद थोड़ी देर पहले तीन और लड़ाकू विमान राफेल भारत पहुंचे। यूएई वायु सेना ने नॉन स्टॉप फेरी के दौरान विमान को हवा में ही ईंधन भरवाया। इससे भारतीय वायु सेना और मजबूत होगी।

भारतीय वायु सेना (आइएएफ) के राफेल लड़ाकू विमान के आने से दूसरी स्क्वाड्रन का संचालन करने की संभावना है। इसे बंगाल के हाशिमारा वायु सेना अड्डे पर तैनात किया जाएगा। राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायु सेना स्टेशन पर तैनात है।

पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी। इससे लगभग चार साल पहले भारत ने करीब 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किया था। वर्तमान में वायु सेना के पास लगभग 25 राफेल विमान हैं। 3 और विमानों के आने से इनकी संख्‍या 28 हो गई। शेष विमान 2022 तक आने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने बताया कि पहली स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी। दूसरी स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी। फ्रांस निर्मित पांच राफेल लड़ाकू विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में हुए एक समारोह में वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। बाद में विमानों की और खेप भी भारत पहुंची थी। वायुसेना के अधिकारियों ने कहा था कि राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन को हाशिमारा में संचालित किया जाएगा। एक स्क्वाड्रन में लगभग 18 विमान होते हैं।

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