देश में मुस्लिम तबके की आबादी तेजी से बढ़ी है, जबकि कई क्षेत्रों में पहले से मौजूद दूसरे मतावलंबियों की आबादी घटती गई। ज्यादा जागरूक होने के चलते अन्य मतों के लोग स्वत: प्रेरित दो बच्चा नीति का पालन करते रहे, जबकि मुस्लिम घुसपैठिए अपनी आबादी तेजी से बढ़ाते रहे। देश मुस्लिम षड्यंत्रकारियों द्वारा उत्तर भारत में एक मुस्लिम पट्टी/गलियारा तैयार करने की योजना है, ताकि बांग्लादेश और पाकिस्तान को आपस में जोड़ा जा सके। यह गलियारा बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा होते हुए पाकिस्तान से मिलेगा। इस गलियारे में मुस्लिम आबादी बढ़ाने हेतु घुसपैठियों को लाकर बसाने का काम योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है। बांग्लादेश से असम में आए मुस्लिम घुसपैठियों के खिलाफ वहां चले जन आंदोलन के बाद इस्लामिक षड्यंत्रकारियों ने उन्हें बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में भेजना शुरू किया। बंगाल में शासकीय एवं भाषायी अनुकूलता के कारण उनका विरोध न होना तो समझ में आता है, पर उत्तर प्रदेश में इस षड्यंत्र की अनदेखी क्यों हुई, यह समझ से परे है।

ओवैसी के अपने शहर हैदराबाद की स्थिति भी कश्मीर घाटी से कम नहीं है। 2001 में हैदराबाद की हिंदू जनसंख्या 21,21,963 थी, जो 2011 में घटकर 20,46,051 रह गई। ओवैसी पूरे देश को हैदराबाद बनाने के अपने मिशन पर निकल पड़े हैं। बिहार के सीमावर्ती जिले में जैसे ही इन्हें राजनीतिक सफलता मिली, वैसे ही वहां भी कश्मीर घाटी को दोहराने की शुरुआत हो गई। पूर्णिया जिला की बायसी विधानसभा मुस्लिम बहुल है जहां से इस बार ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। इसी वर्ष मई में इसी बायसी विधानसभा में दलितों की बस्ती को मुसलमानों के एक समूह ने आकर जला दिया।

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