बिष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने हमले की पुष्टि करते हुए बीबीसी से कहा, “हमले की यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब 12:45 बजे की है. संदिग्ध चरमपंथियों ने पहाड़ की चोटियों से नारायणसेना गांव में अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. ऐसी जानकारी है कि बम भी फेंके गए हैं क्योंकि उन्हें पता था कि वहां सीआरपीएफ़ का एक शिविर भी है.”
हमले के दौरान एक बम सीआरपीएफ़ की 128वीं बटालियन की चौकी में फट गया जिसमें दो जवानों की मौत हो गई और दो घायल हो गए.
पुलिस ने मारे गए सीआरपीएफ़ जवानों की पहचान सब-इंस्पेक्टर एन सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में की है.