प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ का 21वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में कुल 50196 उपाधियों का वितरण किया गया। शोध के लिए 112 शोधार्थी विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त की। समारोह में 39 स्वर्ण पदक, 27 रजत पदक व 27 कांस्य पदकों का वितरण कुलाधिपति जी द्वारा किया गया। राज्यपाल जी ने उपाधि/पदक प्राप्त कर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को दीक्षांत समारोह की शुभकामनाएं दी।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा बटन दबाकर 50,196 उपाधियों को डिजिलॉकर में अपलोड किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे0पी0 पांडेय द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रगति आख्या पढ़ी गई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार स्टूडेंट स्टार्टअप के रूप में तीन विद्यार्थियों को स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड भी प्रदान किया गया। राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने हेतु 25 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट प्रदान की। ज्ञातव्य है कि प्रदेश स्तर पर राज्यपाल जी द्वारा अब तक आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 7,895 किट प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने समारोह में उम्मीद संस्था के बच्चे, क्षय रोग ग्रसित बच्चे, प्राथमिक विद्यालय व अनाथालय से आए 54 छात्र-छात्राओं व बच्चों को उपहार स्वरूप स्कूल बैग, पठन-पाठन सामग्री तथा पोषण सामग्री प्रदान की। कार्यक्रम में राजभवन की ओर से स्कूली बच्चों हेतु लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय रैथा व बेसिक विद्यालय रसूलपुर कायस्थ के पुस्तकालय हेतु प्राध्यापकों को 100-100 पुस्तकें प्रदान की गयी।
राज्यपाल जी ने कार्यक्रम में आए स्कूली छात्र व बच्चों को बैग, पठन-पाठन सामग्री व पोषण सामग्री वितरण पर विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि बच्चों को पठन-पाठन हेतु साधन मिल जाने से पढ़ाई में सुविधा होती हैं। उन्होंने समाजसेवी संस्था ‘‘उम्मीद’’ की सराहना करते हुए कहा कि संस्था के प्रयासों से बच्चे भिक्षावृति से शिक्षा की तरफ जुड़े हैं। उन्होंने समारोह को आमंत्रित बच्चों का दीक्षांत समारोह बताते हुए कहा कि वे यहां से कुछ विचार और संकल्प लेकर जाएंगे। आज बच्चों में समारोह से प्रेरित होकर यह उम्मीद जगेगी कि वे भी आगे मेहनत से पढ़ाई कर इस प्रकार के विश्वविद्यालय में प्रवेश ले।
राज्यपाल जी ने कहा कि आंगनबाड़ी के संसाधन सम्पन्न होने से बच्चों के नामांकन एवं प्रवेश में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पहले आंगनवाड़ी में बच्चे जमीन पर झुक कर लिखते थे, जिससे उनके शरीर के आकार पर कुप्रभाव पड़ता था, किंतु अब लिखने के लिए टेबल, खाने के लिए प्लेट, और खेलने के लिए खिलौने मिल जाने से बच्चे हंसते खेलते पढ़ते हैं। आंगनवाड़ी को साधन सम्पन्न बनाने को उन्होंने एक दायित्व बताया। राज्यपाल जी ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने जन्मदिन को आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर मनायें तथा आंगनवाड़ी केन्द्र को पठन-पाठन, खिलौने, पोषण सामग्री आदि वितरित करें।
राज्यपाल जी ने उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विभिन्न जगह जाकर समस्याओं का पता करें और समस्या समाधान हेतु किया जाने वाला कार्य ही स्टार्टअप है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें सिखाती है कि हम दूसरे की उंगली कैसे पकड़े। इस क्रम में राज्यपाल जी ने कहा कि जिन महाविद्यालयों को सबसे ज्यादा मेडल मिला है, उनका भी सम्मान होना चाहिए इससे एक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को भविष्य का निर्माता बताते हुए कहा कि आप आगे बढ़े और अपने विचारों, नेतृत्व और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता से नई दुनिया को आकार दें। उन्होंने डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के आदर्शों और सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने हेतु विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। राज्यपाल जी ने इनोवेशन, इनक्यूबेशन के माध्यम से स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, अटल इन्नोवेशन मिशन, मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से स्वरोजगार के मिशन को शहरों की चकाचौंध तक सीमित न रखकर ग्रामीण अंचलों एवं सुदूर इलाकों में पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के माध्यम से ही नई प्रक्रिया, उत्पादों और डिजाइनों को विकसित किया जा सकता है तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग उन्होंने समाज कल्याण के साधन के रूप में किए जाने हेतु कहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि यह सदी भारत की सदी होने वाली है, जिसके पीछे देश की युवा आबादी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में ग्राउंड लेबल पर युवाओं को बहुत शक्ति दी गयी है। राज्यपाल जी ने कहा कि अब नेचर ऑफ जॉब बदल रहा है, इसके हिसाब से हमें अपने कौशल को भी अपग्रेड करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को नए तकनीकी परिदृश्य में आवश्यक कौशल प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ने मानव जीवन के सभी पहलुओं को छुआ है और हमारी दक्षता तथा कार्य क्षमता में व्यापक पैमाने पर सुधार करने के अनेक अवसर प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साध्य नहीं साधन हो जिसका उद्देश्य मानव जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना हो।
राज्यपाल जी ने विकसित भारत@2047 हेतु युवाओं से आह्वान किया कि वे इस विजन के भागीदार बने। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और हर गरीब का विकास होना काफी आवश्यक है। इस क्रम में उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री जी के 09 आग्रह जल संरक्षण, डिजिटल लेनदेन, स्वच्छता, स्थानीय प्रोडक्ट्स को प्रमोट करना, प्राकृतिक खेती, श्री अन्न को बढ़ावा देना, फिटनेस, योग और खेल को जीवन का हिस्सा बनाना, और गरीब परिवार का संबल बनने का आग्रह किया और कहा कि इसके माध्यम से भारत और तेजी से विकसित होगा।
इस अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में रुद्राक्ष का पौधारोपण भी किया गया।
समारोह में प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशीष पटेल ने उपाधि/ पदक प्राप्त विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि तकनीकी शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन और सुधार आया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जी के मार्गदर्शन में नई विधाओं को नई दृष्टि मिली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों को समूह के रूप में संस्कारित किया है और उन्हें स्वावलंबन की दिशा दिखाई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नई तकनीक से संबंधित कोशिश को उन्होंने आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय को आगे बढ़कर कदम उठाने को कहा।
इस अवसर पर समारोह में प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा श्री एम0 देवराज, स्थानीय अतिथिगण, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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