तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा, “हमें कुछ इनपुट मिल रहे हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। केंद्रीय एजेंसियों के कुछ हिस्से, बीएसएफ का एक हिस्सा और दो या तीन राजनीतिक दलों का एक हिस्सा इस साजिश में शामिल था। बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से सीमा में सेंध लगाई गई। कुछ उपद्रवी घुस आए, अराजकता फैलाई और उन्हें वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया। मैं ‘सीमा’ और ‘बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से’ शब्दों का इस्तेमाल करता हूं; यह सच है या नहीं, इसकी उचित जांच की जरूरत है।

घोष ने आगे कहा कि स्थानीय लोगों को कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं मिल रहा है। मास्टरमाइंड कौन हैं?… पुलिस कुछ लोगों के खिलाफ कुछ कदम उठा रही है। लेकिन मुख्य मास्टरमाइंड कहां से आए और कहां गए? आरोप है कि बीएसएफ की मदद से पश्चिम बंगाल को बदनाम करने और उन इलाकों में कुछ पाप करने की गहरी साजिश है। ताकि भाजपा और विपक्ष उन पापों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सके।

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