• देश-विदेश के 101 शिक्षकों को राष्ट्रीय राधाकृष्णन सम्मान
    हैदराबाद (साहित्य 24 ) दक्षिण में हिंदी का द्वार कहे जाने वाले हैदराबाद में डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं सहायता समूह द्वारा भारत के विविध राज्यों और विदेशों में अपनी सेवाएँ दे रहे शिक्षकों को सम्मानित किया गया। भारत के लगभग सभी प्रांतों से शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. के. रमेश, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के क्षेत्रीय निदेशक एवं डॉ .राजीव सिंह, सुप्रसिद्ध हिंदी सेवी, शिक्षा-संसाधक उपस्थित रहे। संस्था का परिचय देते हुए संस्थापक अक्ष्यक्ष डॉ. अजीत कुमार चौहन ने कहा कि इस समूह की स्थापना बहुआयामी है। इसका मुख्य लक्ष्य जरूरतमंद शिक्षकों की विपदा की घड़ी में आर्थिक सहायता करना है। साथ ही संस्था शिक्षण संबंधी सुविधाओं को आपस में साझा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षकों का संस्था से जुड़ने का आह्वान करते हुए एक विशेष नारा दिया- आज का सहयोग कल का सहारा। उन्होंने बताया कि संस्था से जुड़ने के लिए www.rktshgindia.org वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करें ताकि हम आपके संपर्क में रह सकें और अवसर पड़ने पर हम सब खड़े हो सकें। मुख्य अतिथि डॉ. के रमेश ने कहा कि शिक्षकों को स्वयं को अपडेट रखने की आवश्यकता है। वर्तमान युग में शिक्षण का क्षेत्र अनेक प्रकार की चुनौतियों से भरा हुआ है। उन्होंने शिक्षकों को अपनी क्षमताओं के विकास पर बल देने को कहा। मुख्य अतिथि डॉ. राजीव सिंह ने कहा कि यह अपने आप में एक अनोखा समूह है। वर्तमान समाज में निजी संस्थानों में कार्यरत शिक्षकजन अनेक दृष्टिकोणों से उपेक्षित हैं। उन्हें उनके हिस्से का प्रोत्साहन, सम्मान और अधिकार नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों द्वारा स्थापित इस संस्था द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर शिक्षकों को जोड़ने और सम्मानित करने का कार्य कर, प्रेरणा की जो अलख जगाई है, वह बहुत दूर तक जाने वाली है। आज जरूरत है कि शिक्षक जहाँ हैं वहीं से वे अपने लिए और अपने माध्यम से औरों के लिए क्या कर सकते हैं, इस पर विचार करें। अपने अधिकारों को पाने के लिए पहले स्वयं खड़ें हों, फिर दूसरों से उम्मीद रखें। संस्था के सहसंस्थापक भोला सिंह ने कहा कि एकता ही लोकतंत्र में अपने अधिकारों को पाने का मार्ग है। अगर हम एक साथ खड़े होंगे तो अपने साथ होने वाले अन्याय को कम कर सकते है। एक दूसरे का सहारा बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस समारोह में देश के कोने-कोने से भाग लेने के लिए आना इस बात का प्रमाण है कि आज भी शिक्षक अपने कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति कितने निष्ठावान हैं। तत्पश्चात निजी एवं सरकारी संस्थानों से शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दे रहे 101 शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्मृति-चिह्न तथा प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सार्थक और सुंदर संचालन गंगा पचौरी एवं अंजू पांडे के द्वारा किया गया। इस अवसर पर समूह के पदाधिकारी प्रोग्राम मैनेजर संतोष माने, कोषाध्यक्ष प्रमोद पाल, प्रवक्ता ऐरा नागराजु, पीआरो धनंजय कुशवाहा, सचिव आरती चौहान, उप सचिव पूजा सिंह, सदस्य नीरज सिंह, विपिन तिवारी, नितेश कुमार सिंह आदि मौजूद रहे। यह भव्य कार्यक्रम ग्रैंड कॉन्टिनेंट होटल, हैदराबाद में आयोजित हुआ।

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