*घनाक्षरी संग्रह ‘घनन घनन घन’ का हुआ भव्य लोकार्पण *
*साहित्य साधक मंच क़े 208 वें कार्यक्रम में श्रोता हुए मंत्रमुग्ध*
*बेंगलुरु (साहित्य 24 प्रतिनिधि)*-
बेंगलुरु की अग्रणी साहित्यिक संस्था साहित्य साधक मंच का 208वां सारस्वत कार्यक्रम आल इंडिया रेडियों बेंगलुरु के पूर्व निदेशक श्री मिलनसार अहमद एवं मुम्बई के लोकप्रिय हास्य व्यंग्य कवि श्री ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में लेखा विभाग के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी श्री उदय प्रताप सिंह,बेंगलुरु के चर्चित शायर सुरेंद्र कोहली सूरी एवं गीतकार रचना उनियाल ने मंच की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम का शुभारम्भ पद्मा श्रीनिवासन पद्मा जी द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की सुमधुर वंदना से हुआ। कानपुर की प्रतिष्ठित गीत कवयित्री प्रतीक्षा दिनेश तिवारी ने रचना उनियाल के घनाक्षरी संग्रह “घनन घनन घन’ की संक्षिप्त समीक्षा के साथ रचनाकार के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए संग्रह से कुछ घनाक्षरियों का सस्वर पाठ किया। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों ने संग्रह “घनन घनन घन” का लोकापर्ण किया। लोकार्पण के बाद पूरा सभागार करतल धवनि से गूंज उठा और सभी ने रचना उनियाल को लोकार्पण की बधाई दी। रचना उनियाल ने साहित्य साधक मंच के प्रति आभार प्रकट करते हुए अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और घनाक्षरी का पाठ करके उसके लालित्य का परिचय कराया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें मिलनसार अहमद, ओम अग्रवाल बबुआ,सुरेंद्र कोहली सूरी, उदय प्रताप सिंह, रचना उनियाल, डॉ सुनील पंवार, प्रतीक्षा तिवारी, दर्शन बेज़ार, उर्मिला श्रीवास्तव, डॉ पूनम सिन्हा, डॉ मंजू गुप्ता, काव्या खन्ना, भार्गवी रविंद्र, प्रभात रंजन, प्रीति राही, पद्मा श्रीनिवासन वसुधा, सुधा अहलूवालिया, राही राज, ज्ञानचंद मर्मज्ञ, भूपेंद्र सिंह कटाक्ष, रामस्वरूप कुशवाह,-सुधा दीक्षित, गुफरान अमजद, एच आर नरसिम्हन,-प्रवल प्रताप सिंह राणा ,अरुणा राणा, नारायण सिंह, रघुबीर अग्रवाल, ममता सिंह, स्वीटी सिंघल, विनीता लवानियां, मंजू वेंकट, पूनम बेलानी, असल बनारसी, अमीर मसूद बहराइची आदि ने उत्कृष्ट काव्य पाठ करके श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इस अवसर पर मंच की ओर रचना उनियाल का विशेष सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का सञ्चालन मंच के अध्यक्ष ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने किया उन्होंने बताया कि मंच के कार्यक्रम में सभी साहित्यकार शामिल हो सकते है और बेंगलुरु प्रवास पर आने वाले रचनाकार भी संपर्क कर सकते है सम्पर्क सूत्र (9845320295), साहित्य 24 कार्यक्रम की सफलता पर बधाई देता है।
*साहित्य 24 / प्रवल प्रताप सिंह राणा “प्रवल’*