अब से छह महीने पहले मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के बीच भीड़ ने दो औरतों को निर्वस्त्र कर घुमाया और कथित तौर पर उनका सामूहिक बलात्कार किया. उस हमले का वीडियो वायरल होने के बाद वो औरतें पहली बार किसी पत्रकार के आमने-सामने बैठीं और अपनी आपबीती बाँटी.
सोशल मीडिया पर शेयर किया गया उनका वीडियो देखना मुश्किल है. करीब एक मिनट लंबे उस वीडियो में मैतेई मर्दों की भीड़ दो निर्वस्त्र औरतों को घेरे हुए है, उन्हें धक्का दे रही है, उनके निजी अंगों को ज़बरदस्ती छू रही है और खींच कर उन्हें खेत में ले जाती है जहां वो कहती हैं कि उनका सामूहिक बलात्कार किया गया.
उस हमले को याद कर ग्लोरी का गला भर आता है.
वो बोलीं, “मुझसे जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. उस सदमे के साथ जीना पहले ही इतना मुश्किल था, फिर दो महीने बाद जब हमले का वीडियो वायरल हुआ, मेरे अंदर ज़िंदा रहने की चाह ही खत्म होने लगी.”
मर्सी ने कहा, “आप तो जानती हैं, भारतीय समाज कैसा है, ऐसे हादसे के बाद वो औरतों को किस नज़र से देखता है. अब मैं अपने समुदाय के लोगों तक से आंख नहीं मिला पाती. मेरी इज़्ज़त चली गई है. अब मैं कभी पहले जैसी नहीं हो पाउंगी.”
वीडियो ने दोनों औरतों का दर्द चौगुना कर दिया लेकिन वो एक ऐसा सबूत भी बना जिसने सबका ध्यान मणिपुर में कई महीनों से जारी मैतेई और कुकी-ज़ोमी समुदायों के बीच की जातीय हिंसा पर ला दिया.